तेरी धड़कन से लिपटकर खो जाऊं,
धीरे से I love you बोलकर तेरी
बाहों में ही सो जाऊं...
मोहब्बत में शक और
गुस्सा वही करता है जो
कभी तुम्हें खोना नहीं
चाहता...
वो लोग वो रिश्ते.
बहुत खास होते हैं..
जो बिना रिश्ते के भी
रिश्ता निभाते हैं....
जो हाथ की लकीरों में नहीं था..
जिंदगी उसी से टकरा गई
सात फेरों का नहीं
आत्मा का गठबंधन है तुमसे
ज्यादा देर तक नहीं मेरी मौत तक..
करने केे बाद ऐसा सुकून
मिलता है कि लगता हैै जैसे
दुनिया की सारी खुशी मिल गई..
सांसो में छुपा लूं तुझे..
और किस्मत ऐसी की,
तुझे देखने को भी मोहताज हूं..
तेरे साथ को तरसे
तेरी बात को तरसे
तेरे होकर भी हम
तेरी एक मुलाकात को तरसे...
छुपा लो मुझे तुम
अपने सांसों में ,
कोई पूछे तो बोल देना
जिंदगी है मेरी..
वो रिश्ता कभी नहीं टूट सकता,
इसमें निभाने की चाहत दोनो तरफ से...
माना कि जायज नहीं है इश्क़ तुमसे बेपनाह करना,
मगर तुम अच्छे लगे तो ठान लिया की गुनाह करना...
न जाने क्यों आपको देखने के बाद भी,
आपको ही देखने की चाहत रहती है...
मैं तुमसे बस एक दिन कम जीना
चाहता हूं,
ताकि मुझे कभी भी तुम्हारे बिना न
जीना पड़े...
खुशबू मांगी थी रब से वो
हमें लाजवाब फूल हम
थमा गए,
थोड़ी खुशी मांगी थी दुआ में
वो हमें आपसे मिलकर
खुशनसीब बना गए...
चुपके से आकर इस दिल मैं उतर जाते हो,
सांसों में खुशबू बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूं चला है आपके प्यार का जादू
सोते जागते बस तुम ही नज़र आते हो...
मुझे आदत नहीं यूं हर किसी पे मर मिटने की,
पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत न ली...
अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे नाम के बिना,
जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना...
बस अच्छा लगता है...
तुम्हें देखना,
तुम्हें सोचना और
तुमसे ही बातें करना....
बातें तो हर कोई समझ लेता है
पर मुझे वो इंसान चाहिए,
जो मेरी खामोशी समझ सके..
दुनिया की भीड़ में चाहे इंसान
सब कुछ भूल जाए,
कितनी ही मौज मस्ती मैं खो जाए
पर अकेले मैं वो उसे ही याद करता है
जिसे वो दिल से प्यार करता है..
चाहो तो छोड़ दो और चाहो तो निभा लो,
मोहब्बत हमारी है पर मर्जी तुम्हारी है...
आंखों को जब किसी की चाहत हो जाती है,
उसे देख कर ही दिल को राहत हो जाती है,
कैसे भूल सकता है कोई किसी को,
जब किसी को किसी की आदत हो जाती है...
जब मोहब्बत कर ही ली तुमने तो शिकवा क्या करना,
अब चाहे दिल तोड़ो, दर्द दो, जान लो या अपना मान लो..
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