किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज बिछड़ जाना है ये कौन जानता है..
लोग यहां पूरी ईमानदारी से अपना
ईमान बेचते हैं....
फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया...
खूबसूरत से फूलों में डूब जाने को जी चाहता है,
आपका साथ पाकर हम भूल गए सब मखाने,
क्योंकि उन मैंखानो मैं भी आपका ही चेहरा नजर आता
है...
बिन आपके दिल बोर हो रहा है,
बहुत कम याद करते हो आप हमें
कहीं ऐसा तो नहीं...
ये दोस्ती का रिश्ता कमजोर हो रहा है...
तुम आए तो लगा हर खुशी आ गई ,
यूं लगा जैसे जिंदगी आ गई
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतजार
अचानक वो मेरे करीब आ गई...
पर ये सच है के मोहब्बत मेरी कमजोर नहीं,
उसके दिल में उसकी यादों में कोई और है लेकिन,
मेरी हर सांस में उसके सिवा कोई और नहीं...
जिंदगी बदल जाती है वक्त के साथ
वक्त नहीं बदलता दोस्तों के साथ
बस दोस्त बदल जाते हैं वक्त के साथ...
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पूरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है...
सोचते हैं कि तेरा दीदार हो जाएगा,
खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा
साया तो नजर आएगा..
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तूने मांगी भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इनकार न कर सके...
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