Shokin shayar, Hindi shayari, 2 line shayari, aansoo shayari sad hindi, bewafa Shayari, breakup shayari, dosti shayari, good morning shayari, Hindi sad love heart touching shayari, Hindi sad love shayari, Izhar-e-Mohabbat shayari, kiss shayari, love shayari Hindi, Mohabbat shayari, photo shayari,Hindi sad love shayari, शौकीन शायर, broken heart shayari in hindi, sad shayari in hindi for girlfriend, hindi shayari, alone shayari, shokin Shayar have a passion for writing and poetry and ...

Pages

Breaking

शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

Hindi sad love heart touching shayari, तलाश जिंदगी की थी


Hindi shayari, photo

तलाश जिंदगी की थी

दूर तक निकल पड़े,

जिंदगी मिली नहीं

तजुर्बे बहुत मिले,,


हसरतें कुछ और है

वक्त की इल्तजा कुछ और है

कौन जी सका जिंदगी अपने मुताबिक

दिल चाहता कुछ और है

होता कुछ और है...



खुद को समेट के

खुद में सिमट जाते हैं हम 

एक याद उसकी आती है

फिर से बिखर जाते हैं हम..


किसी की ख्वाइशों को मिला घर,

और

हुई किसी की हसरतें बेघर..


बहुत कुछ सिखाया जिंदगी के सफर ने अनजाने में,

वो किताबों में दर्ज था ही नहीं

जो पढ़ाया सबक जमाने ने।


मालूम है कि ख्वाब झूठे हैं 

और ख्वाहिशें अधूरी है

पर जिंदा रहने के लिए

कुछ गलतफहमियां भी जरूरी है



बेकाबू है दिल फिर भी जीता हूं,

खाली है बोतल फिर भी पीता हूं,

मजबूरी तो देखो इस नादान दिल की,

कोई उम्मीद नहीं है तेरे आने की,

फिर भी तेरा इंतजार करके जीता हूं..



जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |



एक जिंदगी अमल के लिए भी नसीब हो,

ये जिंदगी तो नेक इरादों में कट गई..


आंखों से आंसू भी ना निकले और नमी भी है 

उसकी याद भी साथ है और तन्हाई भी है 

सांस तो साथ है मगर जिंदगी नहीं

हर सांस में तू रहती है और तेरी कमी भी है 




ज़िक्र अक्सर तेरा ही आता है हर अफ़साने में,

तुझे जान से ज्यादा चाहा हमने ज़माने में,

तन्हाई में तेरा ही सहारा मिला,

नाकाम रहे तुझे अक्सर हम भुलाने में !!



एक दिन हम तुम से दूर हो जायेंगे,

अंधेरी गलियों में यूं ही खो जायेंगे,

आज हमारी फिक्र नहीं है आपको,

कल से हम भी बेफिक्र हो जायेंगे !!



एक वफ़ा को पाने की कोशिश में,

ज़ख़्मी होती है वफ़ाएं कितनी,

कितना मासूम सा लगता है लफ्ज़ मोहब्बत,

और इस लफ्ज़ से मिलती है सज़ाए कितनी !!



दर्द गैरो को सुनाने की ज़रूरत क्या है,

अपने साथ औरो को रुलाने की ज़रूरत क्या है,

वक्त यूँही कम है दोस्ती के लिए,

रूठकर वक्त गंवाने की ज़रूरत क्या है !!



नज़र चाहती है दीदार करना,

दिल चाहता है प्यार करना,

क्या बतायें इस दिल का आलम,

नसीब में लिखा है इंतजार करना !!



दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं है,

जनाब महफ़िल में आते ही नहीं है,

हम सजाते है महफ़िल हर शाम,

एक वो है जो कभी तशरीफ़ लाते ही नहीं है !!



सजा लबों से आपने सुनाई तो होती,

रूठ जाने की वजह बताई तो होती,

बेच देता मैं खुद को तुम्हारे लिए,

कभी खरीदने की चाहत जताई तो होती !!



हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह,

लोग निकले ही नहीं ढूंढने वालों की तरह,

दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते,

उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह !!



एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा,

बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा,

टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने,

अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा !!



मोहब्बत से वो देखते है सभी को,

बस हम पर कभी ये इनायत नहीं होती,

मैं तो शीशा हूँ टूटना मेरी फ़ितरत है,

इसलिए मुझे पत्थरों से कोई शिकायत नहीं होती !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें