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| Sad Shayari |
जिन्हें अपना समझा था,
वो भी पराए निकले...
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दिल में बसाया था जिसे,
वो हजारों गम दे गया...
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जिसे हम अपना समझ बैठे थे,
वो तो अपना था ही नहीं....
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तेरे फरेब को हम,
मोहब्बत समझ बैठे....
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हमें जिससे वफा हैं,
वो बेवफा है...
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समझ लेना कि अब,
हम तेरे लिए मर चुके हैं....
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इतना तड़पे कि हम,
अब प्यास भी न रही....
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धोखे इतने मिले कि,
खुद पर भी भरोसा न रहा...
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दिल जब टूटा तो,
दुनिया पे भरोसा न रहा...
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एक बेवफा से हम वफा किए जा रहे हैं
उसकी बेवफाई के गम सहे जा रहे हैं
कभी पास आ रही है तो कभी दूर जा रही है
फिर भी उस पर हम भरोसा किये जा रहे हैं
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दिल की बात कह तो दूं,
पर डर लगता है कहीं वो इंकार न कर दे....
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मेरी जिंदगी का फैसला,
अब तेरे ही हाथ मैं हैं....
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जी तो रहा हूं,
पर तेरे बिना ही....
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टूट चुका हूं,
तेरे जाने के बाद से...
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बचा कुछ भी नहीं अब,
तबाही के बाद..
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तुमसे जुदा होकर मर जाऊंगी जो कभी कहा कहा करती थी,
आज वो जिंदा हैं....
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कहीं भी दिल न लगा,
तेरी जुदाई के बाद...
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देखा जब तुझे तो,
याद आई तेरी वो मुलाकातें...
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हर कोई हैं यहां,
बस एक तू नहीं हैं...
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जो भी था दिल में,
उसके ही हवाले कर दिया...
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रहा कुछ भी नहीं,
शिवाय तेरी यादों के...
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जी रहे हैं बस,
बिन तेरे ही...
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बिन तेरे ही जी लेते हम तो,
पर तेरी यादों ने जीने न दिया...
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ढूंढ रहा हूं अब इस शहर में,
दर्दे-ऐ-दिल का सुकून...
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तलाश मैं हूं जिसकी,
वो मिलता ही नहीं....
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आखिर क्या करोगे,
इतना दर्द दे कर...
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कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका खुदा होता है,
पर हमारा तो वो खुदा भी नहीं हैं
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कितने खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनके अपने होते हैं..
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मुद्दतों के बाद गए घर तो,
ऐसा लगा कि जैसे उस धर के हम थे ही नहीं...
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कब गुजर गई उम्र,
मालूम भी न चला...
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यूं ही गुजर गई उम्र सारी,
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हर वक्त साथ रही,
तनहाई मेरी....
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वो भी आती नहीं,
जिसका इंतजार था...
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आज चाहे जितना मर्जी सता लो,
एक दिन हम तुम्हें कहीं भी नजर न आएंगे...
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चले जाएंगे एक दिन तेरी जिंदगी से बहुत दूर,
देखना फिर कभी लौट कर न आएंगे...
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हर तरफ तू ही तू है,
तेरे सिवा और कुछ भी नहीं...
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कौन चाहेगा तुझे,
मेरी तरह....
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